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कविता के बारे में

  कविता एक प्रकार का साहित्य है जो आम तौर पर पद्य में लिखा जाता है जिसमें अलंकारिक भाषा का उपयोग किया जाता है, या ऐसी भाषा जिसका शाब्दिक अर्थ से भिन्न अर्थ हो सकता है, किसी भी शब्द या वाक्यांश को अर्थ के कई रंग दिए जा सकते हैं। हम सब के मन में एक प्रश्न उठता है कि कविता है क्या ? मनुष्य अपने भाव, विचारधारा और व्यापारों को लिए-दिए के भाव, विचारधारा और व्यापारों के साथ कहीं और कहीं लड़ाइयां हुई अंत तक पता चला है और इसी तरह जीना है। जिस अनंत रूपात्मक क्षेत्र में यह व्यवसाय रहता है उसका नाम जगत है। जब तक कोई अपने अलगाव सत्य की भावना को ऊपर नहीं उठाता तब तक इस क्षेत्र से नाना सिद्धांत और व्यापारो को अपने योग-क्षेम, हानि-लाभ, सुख-दुख आदि से सम्बद्ध करके देखा जाता है। इन सिद्धांतों और व्यापारों के सामने जब भी वह अपना पृथक्करण सत्य की धारणा से मुक्त करता है—आपका आप बिल्कुल भूलकर—विशुद्ध भाव केवल रह जाता है, तब वह मुक्त-हृदय हो जाता है। जिस प्रकार की आत्मा की मुक्तावस्था ज्ञानदशा कहलाती है वही हृदय की यह मुक्तावस्था रसदशा कहलाती है। हृदय की इसी मुक्ति की साधना के लिए मनुष्य की वाणी जो शब्द ...