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Showing posts from September, 2024

हिन्दी की याद

हिंदी की तरह चहकना सीखो अंग्रेजी की तरह निखरना सीखो कांटो की तरह पैरों में चुभना सीखो। मतलबी दुनिया की तरह मतलबी बनना सीखो ।।

प्यार

आजकल हर दुनिया में नाकामी है  सुबह और सभी की शाम दीवानी है दिल की बात कहूं किससे। क्योंकि मेरी प्रेमिका एक प्यार की दीवानी है।।

महकती शाम

महकती सुबह और महकती शाम हूँ मैं  दिन मैं ढहकते शाम की ढलान हूं मैं हर व्यक्ति की बेचैनी का जवाब हूं मैं। क्योंकि हर व्यक्ति का पहचान हूँ मैं।।

खुशबू की याद

 ज्वाला की तरह चमकते रहो  अपने आप में ही महकते रहो  खुशबु तो दुनिया हजार देती है, लेकिन उसे खुशबू का। उपहार लेने का सलाह सीखते रहो।।

मौसम की बात

 गर्मी में ठंडा पानी बन जाओ   ठंड में उभरती एक प्याली बन जाओ बारखा में बहाती एक नाली बन जाओ। अगर किसी पर राज करना चाहते हो? तो एक नेता की घरवाली बन जाओ।।

मनहूश हवा

सुई की तरह चुभना सीखो रिश्तो की तरह निखरना सीखो कमल की तरह खिलना सीखो... मनहूश हवा की तरह चलना सीखो। और हर व्यक्ति की तरह बदलना सीखो।।

रात की याद

रातें हैं अंधेरी  कुछ सुनाई ना दिया। ठोकर लगी पर कुछ दिखाई ना दिया ऐतबार है मुझे अपने आप पर ही  क्योंकि सांसों के अलावा, मुझे कुछ दिखाई ना दिया।।

अपनी नाकामी

 संजोये बैठा हूं मै सपना  अपनी ही नाकामी का  नाकामी है आगाज नहीं  सुबह है और शाम नहीं...  दिन में ढलता काम नहीं,,  मैं चाहत हूं  मै पैगाम नहीं।।