महकती शाम

महकती सुबह और महकती शाम हूँ मैं 

दिन मैं ढहकते शाम की ढलान हूं मैं

हर व्यक्ति की बेचैनी का जवाब हूं मैं।

क्योंकि हर व्यक्ति का पहचान हूँ मैं।।

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